इलेक्ट्रिक स्कूटर की बिक्री घटी, जबकि ओला, बजाज ने अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल की

Saroj
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इलेक्ट्रिक स्कूटर

सवाल यह है कि क्या दोपहिया वाहन बाजार दस लाख पंजीकरण के आंकड़े को पार कर जाएगा, जो पिछले वित्तीय वर्ष में उद्योग ने हासिल नहीं किया था।

Electric scooter

इलेक्ट्रिक स्कूटरों के बाजार में हाल ही में एक दिलचस्प परिवर्तन देखने को मिला है। जहाँ एक ओर समग्र बिक्री में कमी आई है, वहीं दूसरी ओर प्रमुख कंपनियों जैसे ओला और बजाज ने अपनी बाजार हिस्सेदारी में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है।

बिक्री में गिरावट

अप्रैल 2024 में, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की कुल बिक्री 2.63% घटकर 65,111 यूनिट्स रह गई, जबकि अप्रैल 2023 में यह आंकड़ा 66,873 यूनिट्स था【8†source】। इस गिरावट के कई कारण हो सकते हैं, जैसे बाजार में प्रतिस्पर्धा, उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताएँ, और आर्थिक परिस्थितियाँ।

ओला की सफलता

ओला इलेक्ट्रिक ने इस दौरान सबसे अधिक लाभ कमाया। मई 2024 में, ओला इलेक्ट्रिक ने 37,191 यूनिट्स की बिक्री की, जिससे कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 49% हो गई【9†source】। ओला के S1 रेंज के स्कूटरों ने उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रियता हासिल की है, जिसमें विभिन्न बैटरी पैक विकल्प और किफायती मूल्य शामिल हैं।

बजाज की बढ़त

बजाज ऑटो ने भी अपनी स्थिति मजबूत की है। अप्रैल 2024 में बजाज ने 7,529 यूनिट्स की बिक्री के साथ 83.95% की वृद्धि दर्ज की【8†source】। बजाज का मजबूत ब्रांड नाम और विश्वासनीयता इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अन्य कंपनियों की स्थिति

एथर एनर्जी जैसी कंपनियों ने विपरीत स्थिति का सामना किया है, जिसमें उनकी बिक्री 47.94% गिरकर 4,062 यूनिट्स रह गई【8†source】। इसी तरह, ओकिनावा और काइनेटिक ग्रीन ने भी बड़ी गिरावट दर्ज की है।

ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और हीरो मोटोकॉर्प जैसी कंपनियों ने उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। ग्रीव्स ने 355.72% की वृद्धि के साथ 2,511 यूनिट्स बेचे, जबकि हीरो मोटोकॉर्प ने 553.10% की वृद्धि के साथ 947 यूनिट्स बेचे【8†source】। यह वृद्धि नई तकनीक और बेहतर उपभोक्ता अनुभव के कारण संभव हुई है।

निष्कर्ष

इलेक्ट्रिक स्कूटरों के बाजार में यह बदलाव दर्शाता है कि उपभोक्ता अब बेहतर तकनीक और विश्वसनीयता की ओर रुख कर रहे हैं। ओला और बजाज जैसे प्रमुख खिलाड़ियों ने अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाकर इस दिशा में एक मजबूत संकेत दिया है। हालाँकि, समग्र बिक्री में कमी चिंता का विषय हो सकती है, लेकिन यह भी एक संकेत है कि बाजार पुनर्गठन की प्रक्रिया में है और नए खिलाड़ियों और नई तकनीकों के लिए अधिक अवसर प्रदान कर रहा है।

इस परिवर्तित परिदृश्य में, ओला और बजाज ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है, जिससे वे आने वाले समय में भी बाजार पर हावी रहने की संभावना रखते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य कंपनियाँ इस चुनौती का सामना कैसे करती हैं और अपनी बाजार हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए क्या रणनीतियाँ अपनाती हैं।

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