RBSE 10th Board Result 2024: 10 वीं टॉपर Nidhi Jain ने सबको चौंकाया | Rajasthan Topper। Bundi

Saroj
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राजस्थान टॉपर निधि जैन की कहानी, कोरोना से मां की मौत के बाद छोटे भाई के साथ-साथ कैसे खुद को संभाला? इंजीनियर बनने का सपना

RBSE 10th Result 2024 Topper Nidi Jain: राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) ने बुधवार को 10वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है. 12वीं के बाद 10वीं के रिजल्ट में एक बार फिर से बेटियों ने बाजी मारी है. 10वीं का परिणाम इस साल 93.03 फीसदी रहा. वहीं 10वीं में इस बार लड़कों का परिणाम 92.64 फीसदी रहा. जबकि छात्राओं की उत्तीर्णता 93.46 रहा. 2023 में 10वीं का परीक्षा परिणाम कुल 90.49 फ़ीसदी रहा था. इस वर्ष 10वीं बोर्ड परीक्षा में इस साल कुल 10 लाख 60 हजार 751 परीक्षार्थी रजिस्ट्रर्ड थे. पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष परीक्षा परिणाम में करीब 3 प्रतिशत का इजाफा हुआ. इनमें से 10 लाख 39 हजार 895 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे. 10.39 लाख के अधिक छात्रों में से बूंदी की निधि जैन (Nidhi Jain) ने सबसे अधिक अंक प्राप्त करते हुए 10वीं की परीक्षा में टॉप स्थान हासिल किया. 

राजकीय बालिक उच्च विद्यालय अलोद की छात्रा हैं निधि

निधि जैन बूंदी जिले के अलोद स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्रा है. निधि ने 600 में से 598 अंक प्राप्त कर 99.67 प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया है. निधि ने  हिंदी, साइंस, सोशल साइंस, मैथ में 100 में 100 अंक हासिल किए. जबकि अंग्रेजी और संस्कृत में निधि को 100 में से 99 अंक मिले है. 10वीं का रिजल्ट आने के बाद एनडीटीवी की टीम टॉपर निधि के घर पहुंची. जहां से निधि के साथ-साथ उसके परिजनों से बात कर उसके संघर्ष से सफलता को कहानी को समझा. 


शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने फोन कर दी टॉपर बनने की जानकारी

बूंदी की छात्रा निधि जैन को पूरे राजस्थान में पहला स्थान प्राप्त होने की जानकारी शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के फोन से मिली. दरअसल रिजल्ट जारी होने के बाद निधि को राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने फोन कर बधाई और शुभकामनाएं दी. उसकी उज्जवल भविष्य की कामना की. मालूम हो कि राजस्थान में इस बार बोर्ड की ओर से टॉपरों की कोई मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गई है. छात्रा के प्रथम स्थान पर आने के बाद अलोद गांव में छात्रा को बधाई देने के लिए घर पर तांता लग गया. 

कोरोना से मां की मौत के बाद टूट गई थी निधि

जिला शिक्षा अधिकारी सहित तमाम अधिकारियों ने पहुंचकर छात्रा को बधाई दी. छात्रा निधि जैन ने NDTV से खास बातचीत करते हुए बताया कि विपरीत परिस्थितियों में भी उसने पढ़ाई की. निधि की मां की कोरोना काल में मौत हो गई थी. मां की मौत के बाद निधि बुरी तरह से टूट गई थी. निधि को एक छोटा भाई है. मां की मौत के बाद निधि छोटे भाई के साथ-साथ खुद को संभालते हुए पढ़ाई में लगी. निधि के पिता कपड़े की दुकान में चलाते है. इस कारण वो बच्चों पर ज्यादा समय नहीं दे पाते थे. लेकिन निधि ने मां की मौत के बाद न केवल खुद को संभाला बल्कि नियमित रूप से 8 से 10 घंटे पढ़ाई करते हुए आज पूरे राज्य में परिवार का नाम ऊंचा किया. 

इंजीनियर बनने का सपना, निधि बोलीं- पहले से थे ऐसे रिजल्ट की उम्मीद

निधि का सपना है कि वह आगे जाकर इंजीनियर बने और अपने परिवार का नाम रोशन करें. छात्रा निधि जैन ने कहा कि जो छात्र अपना लक्ष्य लेकर आगे बढ़ते हैं उनका सपना जरूर साकार होता है. मैं भी अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए की जान लगा दी और आज सबके सामने रिजल्ट है. छात्रा ने बताया कि इस रिजल्ट का अंदेशा उसे पहले से ही था. क्योंकि उसने स्कूल के अध्यापक व परिवार के लोगों से दिए गए पेपर के बाद में अध्ययन किया था. जहां इंग्लिश व संस्कृत में उसे एक-एक प्रश्न गलत हुए थे, जिसके नंबर छात्र के इस रिजल्ट में 100 में से 99 ही आए हैं. 

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पिता बोले- निधि बहुत होनहार, सरकारी स्कूल में होती अच्छी पढ़ाई

छात्रा के पिता मुकेश जैन ने बताया कि छात्रा निधि जैन बड़ी होनहार है. नियमित रूप से घर में पढ़ाई करती है. स्कूल में जब अध्यापकों से छात्र के बारे में पूछा जाता है तो अध्यापक भी खुद निधि की तारीफ करते हैं और कहते हैं कि पढ़ने में छात्र बहुत ही अच्छी है. स्कूल से घर में आने के बाद मेरी बेटी निधि मन लगाकर पढ़ती थी. जो लोग सरकारी स्कूलों को दोष देते हैं कि वहां पढ़ाई नहीं होता जबकि वह बात गलत है. मेरी बेटी लगातार सरकारी स्कूलों में ही पड़ रही और पूरे प्रदेश में अपना नाम रोशन किया है. मेरा मानना है कि राजस्थान की सरकारी स्कूल है सबसे अच्छी है. 


जिला शिक्षा अधिकारी ने घर पहुंचकर निधि को दी बधाई

जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र व्यास ने भी छात्र के घर पहुंच कर बधाई दी. एनडीटीवी से बातचीत में बताया कि बूंदी जिले में दसवीं क्लास में 15153 स्टूडेंट ने परीक्षा दी थी. इसमे से 13946 स्टूडेंट परीक्षा मे पास हुए है. जिले का रीजल्ट 92.03% रहा. जबकि पिछले साल जिले में 86.4 परसेंट रिजल्ट रहा था. इस वर्ष जिले भर मे बालिकाओं का रिजल्ट लड़कों से अधिक रहा. इस बार बालिकाओं का रिजल्ट 93.67% रहा.

बूंदी में दसवीं कक्षा में 15,376 स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड हुए थे. इनमें से 15153 स्टूडेंट ने परीक्षा दी थी. परीक्षा परिणाम में 13946 स्टूडेंट पास हुए है. इसमे 7335 लड़के व 6611 बालिकाएं पास हुए है. इस बार प्रथम श्रेणी में 6557, द्वितीय में 5892 व तृतीय में 1497 स्टूडेंट पास हुए. लडकों में 3182 प्रथम श्रेणी व 3200 सेकेंड डिवीजन आई है. जबकि छात्राओं में 3,375 के फर्स्ट व 2692 के सेकेंड डिविजन बनी है. परीक्षा 7 से 30 मार्च के बीच हुई थी. पिछले साल 10वीं का रिजल्ट 90.49 प्रतिशत रहा था. 

मां की मौत के बाद दादा-दादी और पिता ने बढ़ाया हौसला

छात्रा निधि के पिता मुकेश जैन अलोद गांव में ही घर के बाहर घर के बाहर कपड़ों की दुकान लगाते हैं और उसी से ही घर को पालन पोषण करते हैं. कोरोना काल में छात्र की मां का निधन हो गया था उसके बाद से ही छात्र अवसाद में आ गई. छात्रा के एक छोटा भाई भी है घर में उसकी दादी भी रहती है.

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दादी और पिता ने छात्रा निधि को हिम्मत नहीं हारने दी और छात्र का दादा से बढ़ते हुए उसे तन मन से पढ़ाई करने का हौसला दिया. छात्रा निधि जैन बताती है कि मां का निधन होने के बाद वह पूरी तरह से टूट गई थी. घर में अकेली बेटी होने के नाते उसे अपने परिवार का नाम रोशन करना था. हिम्मत रखते हुए उसने अपने आप को संभाला और निरंतर पढ़ाई जारी रखी और आज उसका परिणाम है कि वह राजस्थान में टॉपर रही है.

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