इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन ग‍िराने की हो गई तैयारी, NASA ने बताया प्‍लान, मस्‍क की कंपनी को सौंपी जिम्‍मेदारी

International Space Station, Nasa study

Saroj
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NASA

नासा ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को गिराने के लिए एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को चुना है.इस पर 843 मिलियन डॉलर यानी लगभग 7 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा. आइए जानते हैं क‍ि इसे ग‍िराना जरूरी क्‍यों है?

अंतर‍िक्ष की तस्‍वीरें-वीडियो या कोई भी जानकारी अगर आप तक, हम तक पहुंचती हैं, तो इसमें अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की अहम भूमिका होती है. यह स्टेशन पृथ्वी की सतह से 400 क‍िलोमीर ऊपर हर 90 मिनट में धरती का एक चक्‍कर लगाता है. यहां हजारों वैज्ञान‍िक प्रयोग हुए हैं.

अंतर‍िक्ष की तमाम घटनाओं को दर्ज क‍िया गया है. आज भी दुनियाभर के तमाम साइंटिस्‍ट इसमें रहकर अंतर‍िक्ष की गत‍िविध‍ियों का अध्‍ययन कर रहे हैं. लेकिन अब इसे ग‍िराने की तैयारी हो गई है. चौंक‍िए नहीं… यह पहले से तय था क‍ि एक न एक दिन इसका कार्यकाल खत्‍म हो जाएगा. तब इसे ग‍िराने की जरूरत होगी. अब अमेर‍िकी अंतर‍िक्ष एजेंसी नासा ने इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन को ग‍िराने के प्‍लान का खुलासा क‍िया है.

इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन पर तीन दशक से एस्‍ट्रोनॉट जाते रहे हैं, प्रयोग करते रहे हैं. लेकिन अब नासा ने बताया क‍ि 2031 में हम इसे खो देंगे. फुटबॉल मैदान के बराबर आकार वाले अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को ग‍िराने के ल‍िए एलन मस्क की स्पेसएक्स कंपनी को चुना गया है. यह कंपनी 430 टन वजनी इस स्‍टेशन को प्रशांत महासागर में ग‍िराएगी. उसके ल‍िए अभी से विशेष यान का निर्माण क‍िया जाएगा. इस पर 843 मिलियन डॉलर यानी लगभग 7 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

इसल‍िए महासागर में ग‍िराना जरूरी
नासा के इंजीनियरों का कहना है क‍ि स्‍पेस स्‍टेशन अभी काफी मजबूत है, लेकिन इसका कार्यकाल खत्‍म हो रहा है, इसल‍िए इसे धरती पर उतारना होगा. वैसे ये अपने आप भी ग‍िर सकता है, लेकिन अगर ये इतनी ऊंचाई से ग‍िरा तो धरती पर रहने वाले लोगों के ल‍िए खतरा होगा. इसल‍िए नासा ने इसे प्रशांत महासागर में ग‍िराने का फैसला ल‍िया है

जान‍िए कौन देगा इसका खर्च
अमेर‍िका और रूस अभी इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन का नेतृत्‍व कर रहे हैं. यूरोप, कनाडा और जापान उनके सहायक की भूमिका में हैं. स्‍पेस स्‍टेशन को ग‍िराने के ल‍िए जो पैसा खर्च होगा, वो भी ये पांच देश मिलकर देंगे. अंतरिक्ष यान को प्रशांत महासागर में प्वाइंट निमो नामक एक दूरस्थ स्थान पर भेजा जाएगा. नासा को उम्मीद है कि जब तक आईएसएस. को आकाश से बाहर लाया जाएगा, तब तक अनेक निजी कम्पनियां वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशनों का प्रक्षेपण शुरू कर देंगी.

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