दुकान लगाने वाले शिवराज ने बताया कि आजकल लोग प्लास्टिक का उपयोग ज्यादा करने लगे हैं, हालांकि सरकार की ओर से भी कई बार प्लास्टिक बैन की बात कही गई है, लेकिन लोग सुनकर अनसुना कर देते हैं. इसलिए हमने ये कांसेप्ट अपनाया है.
भीलवाडा: तपती धूप के इस सीजन में हर कोई व्यक्ति अपने गले को तर करने के लिए अलग-अलग प्रकार के शीतल पदार्थ का सेवन करते हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा लोगों की पहली पसंद आइसक्रीम या फिर कुल्फी मानी जाती है, गर्मी के मौसम में उनकी डिमांड भी बढ़ जाती है. ऐसे में भीलवाड़ा शहर में लोगों के बीच मटका रबड़ी का आकर्षण का केंद्र बन रही है, जो स्वाद में लाजवाब होने के साथ ही हर किसी व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दे रही है. भीलवाड़ा के यह 2 भाई रबड़ी कुल्फी में कुल्लड़ का इस्तेमाल कर रहे हैं.
जिससे रबड़ी का टेस्ट दुगना हो जाता है इस रबड़ी को खाने के लिए लोग दूर-दूर से भीलवाड़ा के इनके पास पहुंचते हैं. यह हर किसी की जुबान पर मटका रबड़ी के नाम से मशहूर हैं
भीलवाड़ा शहर के गोल पियाऊ दुकान लगाने वाले शिवराज सिंह ने बताया कि यह कॉन्सेप्ट हमने एक साल पहले भीलवाड़ा में लेकर आए हैं. भीलवाड़ा में इस स्वाद की काफी कमी चल रही थीं. जो हमारे आने से पूरी हुई हैं लोगों को हमारा मटका रबड़ी का कॉन्सेप्ट काफी पसंद आ रहा है. हमारे यहां कई प्रकार के फ्लावर्स मिलते हैं जो बच्चों से लेकर वृद्ध जन तक को पसंद आते हैं. इसकी कीमत 60 रूपए हैं. जो हर किसी की पहली डिमांड रहती हैं
पहली बार में लगती है मटका कुल्फी
जब भी कोई व्यक्ति पहली बार उनकी दुकान पर मटका रबड़ी खाने के लिए जाता है तब वह मटका यानी कि कुल्हड़ देखकर हैरान हो जाता है. इसका कारण है कि प्रदेश के कई शहरों में मटका कुल्फी काफी मशहूर है, जिसे एक जिले से दूसरे जिले जाने वाले लोग बड़े स्वाद के साथ खाते हैं ऐसा ही भीलवाड़ा शहर का मटका रबड़ी का स्वाद है जो लोगों को काफी पसंद आता है. हमारी रबड़ी को दूध व चीनी से बनाया जाता है इसके अलावा इसमें कुछ नहीं मिलाया जाता हमारी ओर से शुद्धता का पूरा ध्यान रखा जाता है.
पर्यावरण ना हो दूषित इसलिए अपनाया कॉन्सेप्ट
दुकान लगाने वाले शिवराज ने बताया कि आजकल लोग प्लास्टिक का उपयोग ज्यादा करने लगे हैं हालांकि सरकार की ओर से भी कई बार प्लास्टिक बैन की बात कही गई है लेकिन लोग सुनकर अनसुना कर देते हैं हमारी ओर से इसी बात का ख्याल रखते हुए इस कांसेप्ट को अपनाया गया है कि हमारी वजह से प्रदूषण को कोई नुकसान ना हो इसलिए हमने कुल्हड़ में रबड़ी देने का कॉन्सेप्ट अपनाया हालांकि इस तरह से रबड़ी खाने से लोगों को इसका स्वाद और भी अनोखा लगता है.
डिमांड बढ़ी तो एक और लगाई दूकान
गर्मियों में शरीर को ठंडक पहुंचाने वाले चीजों की डिमांड ज्यादा रहती है इसी को देखते हुए कुल्लड़ रबड़ी की डिमांड भी काफी ज्यादा थी जिसके चलते हमने हमारी एक ब्रांच और यहां पर शुरू की हमारी दोनों ही दुकानों पर लोगों का अच्छा रिस्पांस देखने को मिल रहा है लोग आकर हमारी तारीफ करते हैं.
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