बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे हैं केमिकल से पके आम, प्राकृतिक रूप से पके आमों की पहचान कैसे करें

Saroj
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आम खाने के शौकीन लोग संभल जाएं। यह शौक आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। यह आपको पांचनतंत्र की समस्याओं के अलावा कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी दे सकता है।हरोड़. आम खाने के शौकीन लोग संभल जाएं। यह शौक आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। यह आपको पांचनतंत्र की समस्याओं के अलावा कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी दे सकता है। जी हां, बाजार में जिस घातक रसायन से पकाकर आम लाए जा रहे हैं, वह स्वाद में भले ही अच्छा लगे पर सेहत के लिए हानिकारक है। इसलिए आंखें खोलकर आम खरीदें।

आम पर लगे हुए हानिकारक रसायनिक पदार्थ का सेहत पर असर

बाजार में इन दिनों फलों का राजा कहलाने वाले आम की बिक्री बड़े जोरों पर है। बाजार में बिक रहा आम प्राकृतिक रूप से नहीं पका हुआ,बल्कि इसे विभिन्न रसायनिक पदार्थ के सहयोग से पकाया जा रहा है। आम पर लगे हुए हानिकारक रसायनिक पदार्थ का असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। कस्बे में फल विक्रेताओं से जब इस बारे में बात की तो माना की यह आम सेहत के लिए अच्छे नहीं है। रसायनिक पदार्थ से पके हुए फलों को लेकर चिकित्सकों का कहना है कि इनसे विभिन्न पेट संबंधित बीमारियाें का अंदेशा रहता है। रसायनिक पदार्थ का उपयोग कर पकाए गए फलों से लीवर, किडनी व कैंसर जैसी बीमारियों के होने की आशंका बनी रहती है। आम पकाने के लिए कैल्शियम कार्बन डाइऑक्साइड अन्य रासायनिक पदार्थ प्रयोग में ले रहे है।

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आम खाने के शौकीन लोग संभल जाएं। यह शौक आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। यह आपको पांचनतंत्र की समस्याओं के अलावा कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी दे सकता है।हरोड़. आम खाने के शौकीन लोग संभल जाएं। यह शौक आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। यह आपको पांचनतंत्र की समस्याओं के अलावा कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी दे सकता है। जी हां, बाजार में जिस घातक रसायन से पकाकर आम लाए जा रहे हैं, वह स्वाद में भले ही अच्छा लगे पर सेहत के लिए हानिकारक है। इसलिए आंखें खोलकर आम खरीदें।आम पर लगे हुए हानिकारक रसायनिक पदार्थ का सेहत पर असरपकाते है पुड़िया के माध्यम सेरसायनिक पदार्थ से पकाए हुए आम का सेहत पर असरप्राकृतिक रूप से पके आमों की पहचान कैसे करें: How to Identify Naturally Ripe Mangoes

पकाते है पुड़िया के माध्यम से

व्यापारी कच्चे आम के पैकेट लाकर इनमें विभिन्न रसायनों युक्त पुडिय़ा पकाने के लिए रख देते है। बाजार में मांग अनुसार फलों के पैकेट के अंदर रसायन युक्त पुडिय़ा रखकर उन्हें कुछ ही घण्टो में पका लिया जाता है। व्यापारियों द्वारा पकाए जाने वाले फलों में प्रयोग में आने वाला यह रसायन स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिबंधित किया हुआ है,लेकिन उसके बावजूद व्यापारी इसका धड़ल्ले से उपयोग कर रहे है।

जहां पर भी केमिकल युक्त फल बिक रहे है,उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जाएगी। केमिकल पदार्थों का प्रयोग करना लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करना है। इसके साथ ही सम्बंधित लोगों के खिलाफ भी विभाग सख्त कार्रवाई करेगा। -आशीष सिंह शेखावत, जिला कोटपूतली-बहरोड़

Chemically Mangoes

रसायनिक पदार्थ से पकाए हुए आम का सेहत पर असर

रसायनिक पदार्थों, विशेष रूप से कैल्शियम कार्बाइड, से पकाए गए आम स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकते हैं। इन रसायनों के संपर्क में आने से आम में हानिकारक तत्व जैसे आर्सेनिक और फॉस्फोरस हाइड्राइड चले जाते हैं, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

रसायनिक रूप से पके आमों के सेवन से होने वाले कुछ संभावित स्वास्थ्य खतरे: Some possible health risks of consuming chemically ripened mangoes:

  • पाचन संबंधी समस्याएं: उल्टी, दस्त, पेट में दर्द और अपच
  • एलर्जी प्रतिक्रियाएं: त्वचा पर चकत्ते, खुजली, सूजन और सांस लेने में तकलीफ
  • सिरदर्द और चक्कर आना
  • कमजोरी और थकान
  • गंभीर मामलों में, कैंसर और तंत्रिका तंत्र को नुकसान

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी आमों को रसायनों से नहीं पकाया जाता है। प्राकृतिक रूप से पके आम सुरक्षित और स्वस्थ होते हैं।

Naturally Ripe Mangoes

प्राकृतिक रूप से पके आमों की पहचान कैसे करें: How to Identify Naturally Ripe Mangoes

  • रंग: प्राकृतिक रूप से पके आमों का रंग समान और चमकदार होता है। रासायनिक रूप से पके आमों में असमान रंग हो सकता है, या वे बहुत पीले या नारंगी हो सकते हैं।
  • गंध: प्राकृतिक रूप से पके आमों में मीठी और सुगंधित गंध होती है। रासायनिक रूप से पके आमों में गंध नहीं हो सकती या असामान्य गंध हो सकती है।
  • स्पर्श: प्राकृतिक रूप से पके आम हल्के से दबाने पर थोड़े नरम होते हैं। रासायनिक रूप से पके आम बहुत नरम या सड़े हुए हो सकते हैं।
  • मौसम: आम मौसम में ही खरीदें।

अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए, रासायनिक रूप से पके आमों से बचना और प्राकृतिक रूप से पके आमों का ही सेवन करना सबसे अच्छा है।

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