महाराणा प्रताप ने मेवाड़ के खजाने और शस्त्रों को अपने दुश्मनों से दूर रखने के लिए एक गुफा में छिपा दिया था

Black Section Separator

डॉ मोहनलाल गुप्ता की किताब तीसरा मुगल जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर में इस किस्से का जिक्र है

Black Section Separator

साल 1576 में मुगल शासक अकबर ने आमेर के राजकुमार कुंवर मान सिंह को महाराणा प्रताप से लड़ने के लिए भेजा था

Black Section Separator

अकबर के कहने पर मान सिंह लड़ने के लिए निकल पड़े और मेवाड़ की सीमा पर स्थित मांडलगढ़ पहुंच गए

Black Section Separator

जब महाराणा प्रताप को इसकी खबर लगी तो वह भी गोगुंदा पहुंच गए

Black Section Separator

कविराज सांवल दास ने अपने ग्रंथ वीरविनोद में बताया कि दोनों सेनाएं हल्दीघाटी के दोनों तरफ एक-दूसरे से 10 KM की दूरी पर थीं

Black Section Separator

यहां से 3 KM की दूरी पर ओलामगरा पहाड़ी में एक गुफा थी

Black Section Separator

महाराणा प्रताप ने इस गुफा में अपने शस्त्र और खजाना छुपा दिया ताकि मेवाड़ के खजाने और शस्त्रों पर दुश्मन की नजर ना पड़े

Black Section Separator

गुफा की रक्षा करने की जिम्मेदारी महाराणा प्रताप ने अपने बेटे अमर सिंह को दी थी

Black Section Separator

अमर सिंह की मदद के लिए सहसमल, कल्याण सिंह और मामा शाह के बेटे जीवा शाह एवं झालामान के पुत्र शत्रुशाल को लगाया गया

और देखने के लिए यहा क्लिक करे