वो राजा जिसे अमीर विधवाओं से शादी करने का था शौक
इस राजा का नाम था 'फरीद', और इनके पिता जौनपुर के एक छोटे से जागीरदार थे.
फरीद आगे चलकर बहुत बड़ा अफगान सरदार बना. दरअसल, इस वक्त इब्राहीम लोदी की मौत हो चुकी थी.
इब्राहीम लोदी की मौत के बाद ही अफगानों में अफरा-तफरी थी, क्योंकि मुगलों का आगमन हो चुका था.
इस अफगानी सरदार ने एक 'शेर' को मारा था, इसीलिए इसे नाम मिला शेरखान और शेरशाह.
शेरखान उस समय बिहार का शासक था, जिसका शौक था धनी यानी अमीर विधवाओं से शादी करना.
यानी वो ऐसी रानियों को ढूंढता जिनके पति की मृत्यु के बाद उन्हें सहायता और संरक्षण की आवश्यकता होती.
शेरखान ने एक नहीं बल्कि कई विधवाओं से शादी की और ऐसे ही उसने ज्यादातर साम्राज्य बढ़ाया.
जैसे लाड मलिका का पति चुनार के किले का कमानदार था, उसकी मृत्यु के बाद शेरखान ने लाड से शादी की.
गाजीपुर के नसीर खान नूहानी की संतानहीन विधवा और मियां मुहम्मद काला पहाड़ की विधवा से विवाह किया.
ऐसे ही बिहार के शासक मुहम्मद शाह की मृत्यु के बाद उसकी विधवा दूदू को भी अपना बना लिया और बिहार का शासक बन बैठा.
कितना होता है उस भाले का वजन, जिसे एथलीट एक हाथ से काफी दूर फेंकते हैं!
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