अयोध्या के रामलला की मूर्ति की ये हैं विशेषताएं, जानिए
रामलला की जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है उसमें कई विशेष बातें है जिसके बारे में हम आपको बताने जा रह हैं।
राम मंदिर की जो मूर्ति गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा के बाद स्थापित होगी, वह भगवान राम के बाल स्वरूप की है। मूर्ति भगवान राम के 5 वर्ष की आयु को दर्शाती है।
आप रामलला के मुख को देखेंगे तो यह मन को मोह लेने वाली मुस्कान आपको अपनी ओर आकर्षित कर लेगी।
रामलला के बाएं हाथ में धनुष बाण विराजित है, वहीं दाएं हाथ से वह आशीर्वाद देते हुए दिख रहे हैं।
रामलला की मूर्ति श्याम रंग की है। मूर्ति को जिस पत्थर से बनाया गया है उसकी आयु हजारों वर्ष की बताई जा रही है।
रामलला की यह मर्ति 4.24 फीट ऊंची और इसका वजन लगभग 200 किलोग्राम का है।
इस मूर्ति में चंदन, रोली लगाने और पानी पड़ने से भी कोई प्रभाव इसकी शिला पर नहीं होगा।
रामलला की मूर्ति के बाहर दो आभामंडल हैं। सबसे बाहरी आभामंडल में भगवान विष्णु के दस अवतारों की अकृति बनाई गई है।
आभामंडल में नीचे की एक तरफ उनके भक्त हनुमान जी और दूसरी तरफ पक्षी राज गरुड़ की आकृति भी बनी हुई है।
इसके अलावा मूर्ति के ऊपर ऊँ, शंख, चक्र, गदा, स्वास्तिक काचिह्न और सूर्य देव की आकृति भी है।