कौन हैं प्रभात ? बिहार के सुपौल जिले के तेकुना गांव के 9 साल के प्रभात को एक दिन का पुलिस महानिदेशक बनने का मौका मिला.
कैसे-क्यों बने एडीजी ? प्रभात बड़ा होकर आईपीएस बनना चाहता है और वो ब्रेन केसंर जैसी बीमारी से पीड़ित है. पुलिस ने मानवता का परिचय देते हुए इच्छा पूरी की है.
कहां चल रहा इलाज ? प्रभात का इलाज वाराणसी के टाटा मेमोरियल कैंसर संस्थान से चल रहा है.
संस्था के लोग आए संपर्क में बच्चे के पिता के सम्पर्क में मेक अ विश नाम की संस्था के लोग आए, जिनको उन्होंने बताया कि वो आईपीएस बनना चाहता है.
क्या करती है संस्था? संस्था मेक अ विश ऐसे बच्चों के सपनों को पूरा कराने का काम करती है जो असाधारण बीमारियों से पीड़ित हैं.
संस्था ने दी जानकारी संस्था ने बच्चे की इच्छा और बीमारी की जानकारी डीजी जोन वाराणसी पीयूष मोर्डिया को दी. जिसके बाद वह बच्चे की इच्छा पूरी करने के लिए तैयार हो गए.
प्रभात ने संभाला कार्यभार डीजी पीयूष मोर्डिया ने 9 साल के प्रभात को पुलिस महानिदेशक की जिम्मेदारी सौंपी. प्रभात