क्या शाहजहां ने सचमुच कटवाए थे मजदूरों के हाथ?

सात अजूबों में शामिल दुनिया के सात अजूबों में एक ताजमहल भी है, जिसे 1632 में बनवाया गया था।

मुमताज की याद में बनवाया इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था।

मकराना संगमरमर से बना इसके निर्माण में संगमरमर का इस्तेमाल हुआ, जिसे मकराना से लाया गया।

बीस हजार मजदूरों ने बनाया ताजमहल बनाने में करीब बीस हजार मजदूरों ने अपना योगदान दिया।

मजदूरों के हाथ कटवाए? कहते हैं कि ताजमहल बनने के बाद शाहजहां ने सभी मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे।

होश उड़ जाएंगे जानकर होश उड़ जाएंगे कि ये महज एक अफवाह है। उस समय ऐसे किसी आदेश की पुष्टि नहीं होती।

नहीं दिया आदेश इतिहासकारों के मुताबिक शाहजहां ने किसी मजदूर के हाथ कटवाने का आदेश नहीं दिया।

लिया था वादा मगर उन्होंने सभी मजदूरों से आजीवन काम ना करने का वादा जरूर लिया था।

जिंदगीभर का वेतन इसके बदल में उन सभी को जिंदगीभर का वेतन देने का वादा किया गया।

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