तहखाने की मरम्‍मत करा रहा था शख्‍स, फर्श खोदते ही दिखा ऐसा नजारा, फटी रह गई आंखें

Saroj
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पुराने घर को अपनी जरूरत के ह‍िसाब से कई बार लोग रिनोवेट कराते हैं. उसमें कई नई चीजें जोड़ते हैं. इंटीरियर ठीक कराते हैं. ताक‍ि जगह का सही इस्‍तेमाल किया जा सके और वह खूबसूरत भी लगे. यही सोचकर एक शख्‍स ने अपने तहखाने की मरम्‍मत कराने का फैसला किया, ताक‍ि उसे सुंदर बनाया जा सके. लेकिन फर्श खोदते ही ऐसा नजारा दिखा क‍ि आंखें फटी की फटी रह गईं. वैज्ञान‍िकों ने इसे ऑर्कियोलॉज‍िकल सेंसेशन करार दिया. इससे पहले यहां कभी इस तरह की चीज नहीं देखी गई.

न्‍यूयॉर्क पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला ऑस्‍ट्र‍िया का है. ऑस्ट्रियाई विज्ञान अकादमी ने बताया कि गोबल्सबर्ग के रहने वाले एंड्रियास पेरनेरस्टॉर्फर अपने वाइन सेलर का नवीनीकरण कर रहे थे. तभी फर्श के नीचे उन्‍हें कम से कम तीन विशालकाय जानवरों की लगभग 300 हड्डियां नजर आईं. पहले तो उन्‍हें लगा क‍ि शायद दादाजी ने लकड़ी का कोई टुकड़ा रखा होगा. लेकिन जब उसे खोदने की कोश‍िश की, तो देखकर दंग रह गए. उन्‍होंने तुरंत एक्‍सपर्ट को दिखाया.

साइंटिस्‍ट क्‍यों बता रहे पुरातात्‍व‍िक सनसनी
पुरातत्वविदों ने जब इसकी छानबीन की तो पता चला क‍ि ये विशालकाय हड्डियां मैमथ की हैं, जो 30,000 से 40,000 वर्ष पुरानी हैं. उन्‍होंने पूरे इलाके को अपने नियंत्रण में ले ल‍िया. खुदाई का नेतृत्व कर रही हन्ना पारो-सौचॉन ने कहा, इतनी भारी मात्रा में मैमथ की हड्डियां एक जगह मिलना दुर्लभ है. ऑस्‍ट्र‍िया में पहली बार ऐसी खोज हुई है, इसल‍िए साइंटिस्‍ट इसे पुरातात्‍व‍िक सनसनी करार दे रहे हैं. पेरनेरस्टॉर्फर ने कहा, मुझे लगा कि यह मेरे दादा द्वारा छोड़ा गया लकड़ी का एक टुकड़ा है. लेकिन तभी ध्‍यान आया क‍ि दादाजी ने एक बार कहा था क‍ि कुछ साल पहले उन्‍हें यहां एक दांत मिला था. तब लगा क‍ि हो सकता है कोई विशाल जानवर हो. यही सोचकर मैंने फिर इसे थोड़ा खोदा. इतनी विशाल हड्ड‍ियां देखकर मैं हैरान रह गया. तुरंत इसकी सूचना सेंट्रल म्‍यूज‍ियम को दी. इसके बाद खुदाई शुरू हुई.

विलुप्‍त हो चुके जानवरों के बारे में पता चलेगा
पुरातत्‍वव‍िदों को यकीन है क‍ि इन हड्ड‍ियों से मैमथ जैसे विशालकाय विलुप्‍त हो चुके जानवरों के बारे में अध‍िक जानने का मौका मिलेगा. इससे यह भी सुराग मिल सकता है क‍ि मान क‍िस तरह इन विशालकाय जानवरों के संपर्क में आया. पारो-सौचॉन ने कहा, हमारे पास इस बात के पुख्‍ता सबूत हैं क‍ि इंसानों ने मैमथ का श‍िकार क‍िया होगा, लेकिन हमें नहीं पता क‍ि कैसे. हो सकता है क‍ि यह जगह श‍िकार के बाद जानवरों के रखने की जगह हो. धरती पर घूमने वाले मैमथ आख‍िरी बार लगभग 4,000 वर्ष पहले पाए जाते थे.

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