राजस्थान में कर्मचारियों को अब मिलेगी 50% पेंशन, भजन लाल सरकार बदलने जा रही है Old Pension Scheme

Saroj
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Rajasthan Old Pension Scheme: ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) का मुद्दा राजस्थान में हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। कांग्रेस की गहलोत सरकार ने 2004 के बाद वाले कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम (NPS) की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की थी।

Times Haryana, जयपुर: राजस्थान की भजन लाल सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) को बदलने की तैयारी में है। राज्य की पिछली गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने इस योजना को पुनः लागू किया था, लेकिन अब इस पर पुनर्विचार हो रहा है। भजन लाल सरकार आंध्र प्रदेश मॉडल (Andhra Pradesh Model) को अपनाने की योजना बना रही है, जिसमें कर्मचारियों को 50% पेंशन मिलेगी। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

ओल्ड पेंशन स्कीम

ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) का मुद्दा राजस्थान में हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। कांग्रेस की गहलोत सरकार ने 2004 के बाद वाले कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम (NPS) की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की थी। इसके बाद कुछ अन्य कांग्रेस शासित राज्यों में भी यह स्कीम लागू की गई थी। राजस्थान में इस स्कीम के लागू होने के बाद से राज्य सरकार पर पेंशन खर्च का बोझ बढ़ गया है।

आंध्र प्रदेश मॉडल की संभावनाएँ

भजन लाल सरकार आंध्र प्रदेश मॉडल पर विचार कर रही है, जिसमें कर्मचारियों को 50% पेंशन का प्रावधान है। आंध्र प्रदेश मॉडल को लागू करने से राज्य सरकार के वित्तीय बोझ को कम करने में मदद मिलेगी। इस मॉडल के तहत कर्मचारियों को उनकी सेवा अवधि के आधार पर पेंशन मिलेगी, जो राज्य के खजाने पर कम बोझ डालेगी।

लोकसभा चुनाव के बाद होगा अंतिम निर्णय

भजन लाल सरकार इस मुद्दे पर लोकसभा चुनाव के बाद निर्णय लेगी। चुनाव परिणामों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। राज्य के वित्त विभाग ने इस योजना पर काम करना शुरू कर दिया है और कागजी कार्रवाई जारी है। यदि यह योजना लागू होती है, तो इससे राज्य के वित्तीय संकट को कुछ हद तक कम किया जा सकेगा।

पेंशन पर खर्च का भारी बोझ

राजस्थान सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम पर सालाना लगभग 26,000 करोड़ रुपये खर्च करती है। हर महीने यह खर्च करीब 1,300 करोड़ रुपये होता है। इसके अलावा, सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर भी करीब 1,100 करोड़ रुपये प्रति माह खर्च होते हैं। ऐसे में राज्य सरकार पर भारी वित्तीय बोझ पड़ रहा है, जिसे कम करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।

विधानसभा चुनाव के वादे

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा चुनावों के दौरान वादा किया था कि पुरानी पेंशन योजना पर नया कानून बनाया जाएगा। कांग्रेस ने यह वादा किया था कि राज्य में ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से लागू किया जाएगा। लेकिन चुनाव हारने के बाद, भजन लाल सरकार इस मुद्दे पर पुनर्विचार कर रही है।

कर्मचारियों की प्रतिक्रिया

ओल्ड पेंशन स्कीम के बदलाव की खबर से राज्य के कर्मचारियों में चिंता और असमंजस का माहौल है। कई कर्मचारी संगठन इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और सरकार से अपील कर रहे हैं कि उन्हें इस योजना में बदलाव न किया जाए। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत अधिक सुरक्षा और स्थिरता मिलती है।

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