भूल जाएंगे बुलेट, अगर मिला इस बाइक पर बैठने का मौका! लगा है लड़ाकू टैंक का इंजन, बनाने में लगे 208 दिन

Saroj
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रॉयल एनफील्ड कंपनी की सबसे फेमस बाइक है बुलेट. इस बाइक का मस्क्युलर लुक इसे बेहद अनोखा बनाता है. यही कारण है कि आपको सड़कों पर बुलेट, या रॉयल एनफील्ड के प्रोडक्ट, जैसे क्लासिक, हंटर आदि जैसी गाड़ियां खूब दिखेंगी, लेकिन अगर आपको कभी जीवन में एक बार दुनिया की सबसे भारी बाइक पर बैठने का मौका मिल गया, तो यकीन मानिए, आप बुलेट को भी भूल जाएंगे! इस बाइक (World’s Heaviest Rideable Motorcycle) में लड़ाकू टैंक का इंजन लगा है. इसे बनाने में 208 दिनों का वक्त लगा था. इसी वजह से इस बाइक के नाम एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज है.

न्यूज वेबसाइट डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार जर्मनी के जिली में हार्जर बाइक मोटरसाइकिल शॉप (Harzer Bike-Schmiede) है. इसके मालिक टिलो और विलफ्रेड निबल (Tilo and Wilfried Niebel) दो भाई हैं. साल 2003 में उन्हें एक तरकीब सूझी. वो पुराने और कबाड़ हो चुकी चीजों का इस्तेमाल कर बाइक बनाना चाहते थे. उनका मानना था कि कोई भी चीज कबाड़ नहीं होती है. उन्हें एक बार सोवियत टी-55 टैंक का एक इंजन मिल गया. वो उसे अपने साथ घर लेते गए. उसकी अच्छे से जांच-पड़ताल करने के बाद उन्हें लगा कि वो उससे भी बाइक बना सकते हैं. इसके लिए उन्होंने ऐसा टैंक खोजने के बारे में सोचा, जो वर्किंग कंडीशन में हो.

लगभग 1 साल में बनी बाइक
3 साल बाद उन्हें एक ऐसा टैंक मिला, जिसका इंजन काम कर रहा था. बस फिर क्या था, दोनों ने अपनी कड़ी मेहनत से चमत्कार कर दिखाया. उन्होंने करीब 1 सालों तक अपने आप को अपने कारखाने में बंद कर लिया. 5000 घंटे, यानी करीब 208 दिनों के बाद जो नतीजा निकला, उसने सबकी आंखें हैरानी से खोल दीं. उन्होंने दुनिया की सबसे भारी बाइक बना दी, जिसमें 38 हजार सीसी का टी-55 इंजन लगा था. बाइक की साइड कार को मिसाइल के ट्रांसपोर्ट केस से काटकर बनाया गया था. हेडलाइट को सोवियत बॉर्डर सिक्योरिटी पॉइंट से लाया गया था. इस बाइक का वजन 4.7 टन था.

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इस वजह से दिया गया पैंजर नाम
इस बाइक में लगी हर चीज उन सामानों का इस्तेमाल कर बनाई गई थी, जिसे सुरक्षाबलों के लिए बनाया गया था. जर्मन पैंजर टैंक को विश्व युद्ध में सोवियत द्वारा इस्तेमाल किया गया था. इस वजह से भाइयों ने टैंक को पैंजर नाम दिया था. इसका इंजन इतना आवाज करता था कि कई मीटर दूर से भी उसकी आवाज सुनाई दे जाती थी. ये बाइक चलती भी थी, इसी वजह से इसे दुनिया की सबसे भारी चलने वाली बाइक का खिताब मिला था.

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