Chanakya Niti : शत्रुओं को पराजित करना है? तो ये बात ध्यान में रखें। #ChanakyaWisdom

Saroj
3 Min Read
Chanakya Niti

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य का मानना था कि सफल लोगों के जीवन में कई शत्रु भी होते हैं. ऐसे में हमें इन शत्रुओं से मुकाबला करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए. जानते हैं चाणक्य नीति.

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार नीति, जीवन नीति और रणनीति का खजाना है. चाणक्य नीति को नीतिशास्त्र (Nitishastra) भी कहा जाता है. यह एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है.  यह संस्कृत में लिखा गया है और इसका श्रेय कौटिल्य या विष्णुगुप्त चाणक्य (Vishnugupta Chanakya) को दिया जाता है, जो मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त (Chandragupta Maurya) के महामंत्री थे.

चाणक्य नीति में जीवन के विभिन्न पहलुओं पर नीतियां और शिक्षाएं दी गई हैं. चाणक्य का मानना था कि सफलता प्राप्त करने वाले व्यक्ति के कई दुश्मन होते हैं. ऐसे में हर व्यक्ति को अपने शत्रुओं से मुकाबला करना आना चाहिए. जानते हैं आचार्य की वो नीतियां जो दुश्मन को मात देने में कारगर मानी जाती हैं.

Acharya Chanakya vachan 1

शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने की नीतियां 

  • सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि कौन मित्र है और कौन शत्रु. मित्रों को पहचानें और उनका सम्मान करें, शत्रुओं को पहचानें और उनसे सावधान रहें.
  • कभी भी अपने शत्रु के सामने अपनी कमजोरी का प्रदर्शन न करें. बल्कि उसके सामने अपनी शक्ति और सामर्थ्य का प्रदर्शन करें जिससे शत्रु आपसे भयभीत रहे. 
  • अपने शत्रुओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गुप्तचरों का प्रयोग करें. शत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिए पहले रणनीति बनाना आवश्यक है. अपनी रणनीति गुप्त रखें और जब समय आये तो उसका प्रयोग करें.
  • शत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिए धैर्य रखना आवश्यक है. जल्दबाजी में कोई भी निर्णय न लें. अपने मित्रों का सहयोग लें. सच्चे मित्र शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में आपकी मदद कर सकते हैं.
  • अपने शत्रु की कमजोरी का पता लगाएं और उसका उपयोग अपनी रणनीति में करें. अगर शत्रु हार मानकर क्षमा मांगे तो उसे क्षमा कर देना चाहिए.
  • चाणक्य के अनुसार दुश्मन बढ़ने पर घबराएं नहीं चाहिए बल्कि इसे सीखने का एक अवसर मानना चाहिए. आपके दुश्मन आपको विपरीत परिस्थितियों को पक्ष में करने का हुनर सिखाते हैं. 
  • अपनी सफलता में कभी भी इतना मस्त न हों जाएं कि अपने शत्रु या प्रतिद्वंदी को बहुत कमजोर समझने लगें. इस बात का ध्यान रखें कि आपके शत्रु के पास भी आपकी कई तरह की जानकारियां जरूर होंगी. इसलिए कभी शत्रु को कभी भी कमजोर न समझें.
  • चाणक्य का कहना था कि बड़े लक्ष्य के लिए तैयारी भी बड़ी करनी होगी और ऐसे लक्ष्य को प्राप्त करने में हर हाल में समय भी ज्यादा लगेगा. आपको इसके लिए खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रखना होगा. 
Nannaya Bhattaraka Aadikavi Nannaya

Read More On Nexgenheadlines

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *